Close Menu
    Facebook X (Twitter) Instagram YouTube
    • Home
    • About Us
    • Contact Us
    • MP Info RSS Feed
    Facebook X (Twitter) Instagram
    The DonThe Don
    • Home
    • देश
    • विदेश
    • राज्य
    • मध्यप्रदेश
      • मध्यप्रदेश जनसंपर्क
    • छत्तीसगढ़
      • छत्तीसगढ़ जनसंपर्क
    • राजनीती
    • धर्म
    • अन्य खबरें
      • मनोरंजन
      • खेल
      • तकनीकी
      • व्यापार
      • करियर
      • लाइफ स्टाइल
    The DonThe Don
    Home»देश»सिंगल मदर के बच्चों को आरक्षण का लाभ मिलेगा या नहीं? सुप्रीम कोर्ट ने उठाया सवाल
    देश

    सिंगल मदर के बच्चों को आरक्षण का लाभ मिलेगा या नहीं? सुप्रीम कोर्ट ने उठाया सवाल

    News DeskBy News DeskFebruary 1, 2025No Comments4 Mins Read
    Facebook Twitter Pinterest LinkedIn Tumblr WhatsApp Email Telegram Copy Link
    Share
    Facebook Twitter LinkedIn WhatsApp Pinterest Email

    सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को केंद्र और दिल्ली सरकार से उस याचिका पर जवाब मांगा है, जिसमें सिंगल मदर के बच्चों के लिए ओबीसी प्रमाणपत्र जारी करने के नियमों में संशोधन की मांग की गई है।

    कार्रवाई संवैधानिक प्रविधानों के खिलाफ
    जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस आगस्टीन जार्ज मसीह की पीठ ने दिल्ली की एक महिला द्वारा दायर याचिका पर यह आदेश पारित किया। याचिका में कहा गया है कि वर्तमान दिशा-निर्देशों के अनुसार, सिंगल मदर के ओबीसी प्रमाणपत्र के आधार पर बच्चे को ओबीसी प्रमाणपत्र नहीं दिया जा सकता और आवेदक को केवल पितृ पक्ष से ऐसा प्रमाणपत्र प्रस्तुत करना होता है। याचिकाकर्ता ने दावा किया गया है कि यह कार्रवाई संवैधानिक प्रविधानों के खिलाफ है।

    अधिवक्ता विपिन कुमार के माध्यम से दायर याचिका में कहा गया है कि सिंगल मदर यानी एकल अभिभावक (महिला) के बच्चों को उनकी मां के ओबीसी प्रमाणपत्र के आधार पर ओबीसी प्रमाणपत्र जारी न करना, उन बच्चों के अधिकारों का उल्लंघन है जो अन्य पिछड़ा वर्ग से संबंधित हैं।

    अनुसूचित जनजाति वर्ग को भी तो होता है प्रमाणपत्र जारी
    याचिका में यह भी कहा गया है कि अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति वर्ग की सिंगल मदर के बच्चों को उनकी मां के प्रमाणपत्र के आधार पर जाति प्रमाणपत्र दिया जाता है लेकिन ओबीसी के मामले में ऐसा नहीं है। इसमें कहा गया है कि सिंगल मदर के बच्चों को ओबीसी प्रमाणपत्र जारी करने के लिए अधिकारियों द्वारा पिता के ओबीसी प्रमाणपत्र या पितृ पक्ष पर जोर देना उन बच्चों के अधिकारों के खिलाफ है जिन्हें उनकी मां ने पाला है।

    याचिका में दिल्ली सरकार के ओबीसी प्रमाणपत्र जारी करने के दिशा-निर्देशों का उल्लेख किया गया है, जिसमें कहा गया है कि दिल्ली में रहने वाला कोई भी व्यक्ति जो ओबीसी प्रमाणपत्र के लिए आवेदन करना चाहता है, उसे पिता, दादा या चाचा जैसे किसी पितृ पक्ष के संबंधी का ओबीसी प्रमाणपत्र प्रस्तुत करना होता है।

    याचिका में यह भी कहा गया है कि ओबीसी वर्ग की सिंगल मदर जो अपने गोद लिए बच्चे के लिए अपने प्रमाणपत्र के आधार पर ऐसा प्रमाणपत्र प्राप्त करना चाहती है, उसे आवेदन करने की अनुमति नहीं दी जाती क्योंकि वह अपने पति का ओबीसी प्रमाणपत्र प्रस्तुत करने में असमर्थ होती है।

    सुप्रीम कोर्ट ने 'वरिष्ठ अधिवक्ता', एओआर के लिए नियमावली पर फैसला सुरक्षित रखा
    सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को न्याय प्रणाली के सुचारू कामकाज के लिए वकीलों के वरिष्ठ पदनाम और एडवोकेट आन रिकार्ड (एओआर) के लिए नियमावली बनाने पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस आगस्टिन जार्ज मसीह की पीठ ने कहा कि दो जजों की पीठ 2017 के फैसले से उपजे मुद्दों का निस्तारण नहीं कर सकती, जिसमें वकीलों को वरिष्ठ पद देने की प्रक्रिया तैयार की गई थी और जिसे तीन न्यायाधीशों की पीठ ने सुनाया था।

    पीठ ने 12 अक्टूबर 2017 को फैसला सुनाया था
    पीठ ने कहा कि हम वरिष्ठ पद पर न्याय मित्र एस मुरलीधर, सालिसिटर जनरल तुषार मेहता और वरिष्ठ अधिवक्ता इंदिरा जयसिंह के सुझावों को दर्ज करेंगे और निर्णय लेने के लिए इसे प्रधान न्यायाधीश के समक्ष रखेंगेज्। तीन पूर्व न्यायाधीशों, जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस आरएफ नरीमन और जस्टिस नवीन सिन्हा की एक पूर्ववर्ती पीठ ने 12 अक्टूबर 2017 को फैसला सुनाया था। जस्टिस ओका ने कहा कि आखिरकार उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि किसी भी अयोग्य व्यक्ति को वरिष्ठ वकील के रूप में नामित नहीं किया जाना चाहिए और जो भी योग्य है उसे बाहर नहीं किया जाना चाहिए।

    दिल्ली हाई कोर्ट के 70 वकीलों को वरिष्ठ पद दिए जाने के खिलाफ याचिका खारिज
    सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाई कोर्ट के 70 वकीलों को वरिष्ठ पद दिए जाने के खिलाफ दायर याचिका को खारिज कर दिया है। जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस केवी विश्वनाथन की पीठ ने सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील मैथ्यूज जे नेदुम्परा की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई के बाद फैसला दिया है। पिछली सुनवाई में कोर्ट ने नेदुम्परा को फटकार लगाते हुए पूछा था कि आप कितने न्यायाधीशों के नाम बता सकते हैं, जिनके बच्चों को वरिष्ठ वकील के रूप में नामित किया गया है। हमें लगता है कि संस्था के खिलाफ निराधार आरोप लगाए गए हैं।

    शेयर करें :-

    • Click to share on Facebook (Opens in new window)
    • Click to share on WhatsApp (Opens in new window)
    • Click to share on X (Opens in new window)
    • Click to share on Telegram (Opens in new window)
    News Desk

    Related Posts

    क्या अब गांव का कचरा भी हम देखें? सुप्रीम कोर्ट की कड़ी फटकार

    November 18, 2025

    पद्मिनी को परेशान किया तो धमाका कर दूंगा: मेट्रो स्टेशन को मिला धमकीभरा मेल

    November 18, 2025

    बिहार में कांग्रेस की 6 सीटें जीतने पर घमासान, INDIA गठबंधन के नेताओं ने कसा तंज

    November 18, 2025

    बेंगलुरु: ₹145 के वेज सैंडविच में मिला झींगा, स्विगी-रेस्टोरेंट पर ₹1 लाख का मुआवजा

    November 18, 2025

    SC की चेतावनी: आरक्षण 50% से ज्यादा हुआ तो चुनाव रोकने तक जा सकते हैं कदम

    November 18, 2025

    दिल्ली ब्लास्ट केस: अमित शाह की बैठक के बाद दिल्ली से MP तक छापेमारी, 30 जगह रेड

    November 18, 2025
    Add A Comment

    Leave A Reply Cancel Reply

    विज्ञापन
    विज्ञापन
    हमसे जुड़ें
    • Facebook
    • Twitter
    • Pinterest
    • Instagram
    • YouTube
    • Vimeo
    अन्य ख़बरें

    राज्यपाल रमेन डेका ने खैरागढ़ विश्वविद्यालय में निर्मित असम के प्रसिद्ध साहित्यकार के कांस्य प्रतिमा का किया अनावरण…..

    November 18, 2025

    रायपुर : किसान छबीलाल बारी ने समर्थन मूल्य पर धान खरीदी नीति की सराहना

    November 18, 2025

    क्या अब गांव का कचरा भी हम देखें? सुप्रीम कोर्ट की कड़ी फटकार

    November 18, 2025

    उत्तर बस्तर कांकेर : समर्थन मूल्य पर धान खरीदी 2025-26 : सहकारी समिति प्रबंधक, खरीदी केन्द्र प्रभारी एवं कम्प्यूटर ऑपरेटर के खिलाफ एफआईआर दर्ज

    November 18, 2025
    हमारे बारे में

    यह एक हिंदी वेब न्यूज़ पोर्टल है जिसमें ब्रेकिंग न्यूज़ के अलावा राजनीति, प्रशासन, ट्रेंडिंग न्यूज, बॉलीवुड, खेल जगत, लाइफस्टाइल, बिजनेस, सेहत, ब्यूटी, रोजगार तथा टेक्नोलॉजी से संबंधित खबरें पोस्ट की जाती है।

    Disclaimer - समाचार से सम्बंधित किसी भी तरह के विवाद के लिए साइट के कुछ तत्वों में उपयोगकर्ताओं द्वारा प्रस्तुत सामग्री ( समाचार / फोटो / विडियो आदि ) शामिल होगी स्वामी, मुद्रक, प्रकाशक, संपादक इस तरह के सामग्रियों के लिए कोई ज़िम्मेदार नहीं स्वीकार करता है। न्यूज़ पोर्टल में प्रकाशित ऐसी सामग्री के लिए संवाददाता / खबर देने वाला स्वयं जिम्मेदार होगा, स्वामी, मुद्रक, प्रकाशक, संपादक की कोई भी जिम्मेदारी नहीं होगी. सभी विवादों का न्यायक्षेत्र रायपुर होगा

    हमसे सम्पर्क करें
    संपादक -
    मोबाइल -
    ईमेल -
    कार्यालय -
    December 2025
    M T W T F S S
    1234567
    891011121314
    15161718192021
    22232425262728
    293031  
    « Nov    
    Facebook X (Twitter) Instagram Pinterest
    • Home
    • About Us
    • Contact Us
    • MP Info RSS Feed
    © 2025 ThemeSphere. Designed by ThemeSphere.

    Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.