रायपुर। दुर्ग जिले के बहुचर्चित शुभम राजपूत हत्याकांड मामले में फैसला आ चुका है। कोर्ट ने गुरुवार को फैसला सुनाते हुए जगदलपुर जेल में बंद तपन सरकार को दोषमुक्त कर रिहाई के आदेश दे दिए है। बता दें कि ये मामला तब चर्चा में आया, जब इसमें 9 महीने बाद तपन सरकार का नाम जोड़ने की बात सामने आई। जिसमें आज 12 सितंबर को न्यायधीश श्रीमती सुनीता टोप्पो की कोर्ट ने फैसला सुनाया है।
दरअसल 8 मार्च 2023 को खुर्सीपार में शुभम राजपूत की हत्या हुई थी। मामले में आरोपी सेवक राम निषाद को गिरफ्तार कर केंद्रीय जेल भेज दिया गया था। जेल भेजने के पूर्व तत्कालीन एसपी डॉ अभिषेक पल्लव ने अपने अंदाज में प्रेस कांफ्रेंस भी ली थी। जेल में 10 महीने निरुद्ध रहने के दौरान बीमारी से उसकी मौत हो गई थी। आरोपी सेवक ने प्रेस कान्फ्रेस के दौरान तत्कालीन एसपी को बताया था कि –
9 महीने बाद गिरफ्तारी, 6 माह से जेल में है तपन
बीते वर्ष दिसंबर 2023 में छत्तीसगढ़ में सत्ता परिवर्तन हुआ और फिर शुभम राजपूत मर्डर के 9 महीने बाद 15 जनवरी को तपन सरकार की गिरफ्तारी की गई। पुलिस ने मीडिया को हत्याकांड में कहानी बताई कि तपन के कहने पर आरोपी सेवक ने घटना को अंजाम दिया था। जिसके चलते उसे आरोपी बनाया गया। फिर न्यायालय ने तपन सरकार को न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया। इसी बीच तपन का केंद्रीय जेल दुर्ग से जगदलपुर जेल ट्रांसफर भी कर दिया गया। बीते 6 माह से तपन केंद्रीय जेल जगदलपुर में निरुद्ध है।
आरोपी या मृतक दोनों से नहीं था तपन का संबंध
शुभम राजपूत हत्याकांड मामले में पैरवी कर रहे अधिवक्ता राज कुमार तिवारी ने बताया कि कोर्ट ने ये माना कि तपन का आरोपी सेवक निषाद या मृतक शुभम राजपूत से कोई संबंध नहीं था। पुलिस इस संबंध में कोई भी दस्तावेज या साक्ष्य प्रस्तुत नहीं कर पाई। इसके साथ ही पुलिस द्वारा पेश किए गए कॉल डिटेल्स में भी कोई ऐसे सबूत नहीं मिले जो तपन के आरोपी सेवक या मृतक शुभम से संबंध और संपर्क को इंगित करते हो। अधिवक्ता तिवारी ने बताया कि घटना के दिन भी एक फोटो वाली खबर छपी थी जिसमें मृतक शुभम राजपूत तपन सरकार के बगल में खड़ा दिख रहा था। जिसके बाद अधिवक्ता राज कुमार तिवारी ने तपन सरकार की तरफ से संबंधित अखबारों को नोटिस भेजकर मृतक से संबंध होने की बात को खारिज किया गया था।
ये थी पूरी घटना
दरअसल पूरा मामला 8 मार्च 2023 होली के दिन का है। जब खुर्सीपार में रहने वाला आरोपी सेवक राम निषाद अपने घर के लिए चिकन लेने जा रहा था। तभी उसे रास्ते में वहीं रहने वाला मृतक शुभम राजपूत मिला। शुभम ने आरोपी सेवक को धमकाकर रुपए मांगे, नहीं देने पर सेवक को कटर टीका दिया। सेवक ने उसे धक्का देकर भागने लगा तो उसके हाथ से कटर गिर गया। जिसे उठाकर आरोपी सेवक निषाद ने शुभम को ही दे मारा और वहां से फरार हो गया था।
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